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टिहरी में प्रसूता की मौत का मामला विधानसभा में उठा

देहरादून: विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत से प्रदेश में बदहाल होती स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल पूछे गए। इस दौरान प्रतापनगर विधायक ने चैड़ लमगांव पीएचसी में प्रसूता महिला की मौत का मामला उठाया। जिस पर जमकर हंगामा हुआ। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने प्रताप नगर पीएचसी के डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया है।गुरुवार को विधानसभा में बजट सत्र के चैथे दिन की कार्यवाही के दौरान कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के तमाम विभागों से संबंधित सवाल विधानसभा में पूछे गए। विधानसभा में दूसरे ही सवाल में हरिद्वार ग्रामीण से विधायक अनुपमा रावत ने धन सिंह रावत के सहकारिता विभाग द्वारा संचालित बैंक को सहकारी समितियां और दूसरे संगठनों में नियुक्तियों में हो रही अनियमितताओं का विषय उठाया। अनुपमा रावत ने सहकारी विभाग में कार्यरत तमाम एजेंसियों के नाम भी मंत्री से पूछे लेकिन मंत्री बताने में असमर्थ रहे।

प्रताप नगर विधायक विक्रम नेगी ने हाल ही में टिहरी गढ़वाल की प्रताप नगर विधानसभा सीट में पड़ने वाले चैड़ लमगांव पीएचसी में प्रसूता को उचित उपचार नहीं मिलने के बाद जिला अस्पताल रेफर करने और रास्ते में ही प्रसूता (जच्चा बच्चा) के दम तोड़ने पर सदन में सवाल पूछा। इस मामले ने सदन में तूल पकड़ा। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने इस प्रकरण पर खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा निश्चित तौर से इस प्रकरण के दौरान लापरवाही हुई है। उन्होंने बताया वहां पर तीन डॉक्टरों की नियुक्ति की गई थी, लेकिन उस दिन वहां पर कोई भी मौजूद नहीं था। जिसके कारण प्रसूता को सुविधा नहीं मिल पाई, जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा इस प्रकरण में डॉक्टर को सस्पेंड करने की कार्रवाई सदन के बाद की जाएगी। सदन के बाद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने प्रताप नगर पीएचसी के डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया है।

 

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